classification of gully and gully control measures in detail
गली और गली नियंत्रण उपायों की विस्तृत वर्गीकरण (Classification of Gully and Gully Control Measures)
गली, जिसे हिंदी में 'नाला' या 'क्षार' कहा जाता है, एक प्रकार का जल प्रवाह के कारण उत्पन्न होने वाला धारा से निर्मित खड़ाव होता है। गली के निर्माण के पीछे कुछ मुख्य कारक होते हैं जैसे कि जल उतारण, भू-जल संपर्क, नैजल यूंक्ति, यूंक्तिकरण की नवीनता, और जल उत्सर्जन।
गलियों को उनके आकार और उत्पन्न होने के प्रयासों के अनुसार विभाजित किया जा सकता है।
निम्नलिखित हैं गलियों के प्रमुख वर्ग:
1. रवीण नाले (Gullies): रवीण नाले सबसे छोटे और सामान्य नाले होते हैं जिनकी चौड़ाई और गहराई कुछ मीटर तक होती है। ये अक्सर एकल नाले होते हैं और अलग-अलग भू-क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
2. छोटी गली (Small Gullies): छोटी गलियां रवीण नालों से थोड़ी बड़ी होती हैं और इनकी चौड़ाई और गहराई कुछ मीटर से कुछ गज तक हो सकती है। ये एकसाथ कई गलियों के समूह के रूप में भी पाए जा सकते हैं।
3. मध्यम गली (Medium Gullies): मध्यम गलियां छोटी और बड़ी गलियों के बीच की साइज़ में होती हैं और इनकी चौड़ाई और गहराई कुछ गज से कुछ मीटर तक हो सकती है। ये धीरे-धीरे विकसित होती हैं और ज्यादातर एकसाथ खुदाई और जल संचयन के प्रयसों के कारण होती हैं।
4. बड़ी गली (Big Gullies): बड़ी गलियां मध्यम और बहुत बड़ी गलियों के बीच की साइज़ में होती हैं और इनकी चौड़ाई और गहराई कुछ मीटर से कुछ गज तक हो सकती है। ये विस्तृत खुदाई के कारण और विभिन्न भू-क्षेत्रों के संबंध में होती हैं।
गली नियंत्रण उपाय (Gully Control Measures):
गली को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं जो भूमि को इरोजन से बचाने में मदद करते हैं। ये उपाय गली के प्रकार और उनके आकार के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ मुख्य गली नियंत्रण उपाय:
1. वनीकरण (Afforestation): वनीकरण गली नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। वृक्षारोपण से भूमि को बाढ़ों और झीलों से बचाया जा सकता है जो गली निर्माण के कारण बनते हैं। वृक्षारोपण से भूमि की रचना मजबूत होती है जो इरोजन को रोकने में मदद करती है।
2. बांध (Check Dams): गली नियंत्रण के लिए एक अन्य उपाय है बांधों का निर्माण। बांधों के माध्यम से बारिश या नदी से आने वाले पानी को रोका जा सकता है जो गली निर्माण के कारण होता है। बांधों से पानी को संचित करके इसे धीरे-धीरे जमीन में समायोजित किया जा सकता है और इरोजन से बचाया जा सकता है।
3. भू-जल संचयन (Water Harvesting): गली नियंत्रण के लिए भू-जल संचयन एक अन्य प्रभावी उपाय है। इसमें भूमि में बारिश से आने वाले पानी को रोका जाता है और इसे संचित किया जाता है ताकि गली निर्माण के कारण उत्पन्न होने वाली जल-भराव की समस्या को कम किया जा सके।
4. बैंक ऑटोमेटिक गेंदखोरी (Contour Ploughing):
इसमें भूमि को समांतर धरानों पर खेती की जाती है जो इरोजन से बचने में मदद करती है। इससे भूमि में जल के संचयन की सुविधा होती है जो गली निर्माण के कारण होता है।
गली नियंत्रण उपायों का उपयोग भू-क्षेत्रों में वायुमंडलीय शक्तियों और भूमि की सुरक्षा में मदद करता है। इन उपायों के माध्यम से गली निर्माण को रोककर भूमि को इरोजन से बचाया जा सकता है और स्थायी समृद्धि का मार्ग प्रदान किया जा सकता है।
Labels: Agriculture Engineering
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