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पौधों में पोषक तत्वों की कमी की पहचान करना अति आवश्यक है किसान को

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 पौधों में पोषक तत्वों की कमी की पहचान करने के लिए मार्गदर्शिका। ☘️ 🧾 🔎 आपके पौधे की पत्तियाँ उसके समग्र स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ बता सकती हैं। रंग, बनावट या आकार में बदलाव अक्सर विशिष्ट पोषक तत्वों की कमी का संकेत देते हैं। यहाँ सामान्य कमियों को पहचानने और उनका प्रभावी ढंग से समाधान करने का तरीका बताया गया है: सामान्य कमियाँ और उनके लक्षण: फॉस्फोरस (P) पत्तियाँ लाल या बैंगनी हो जाती हैं। विकास काफ़ी धीमा होता है। मैग्नीशियम (Mg) पुरानी पत्तियाँ शिराओं के बीच पीली पड़ जाती हैं, अक्सर एक विशिष्ट पैटर्न के साथ। पोटैशियम (K) पत्ती के किनारे भूरे या झुलसे हुए दिखाई देते हैं। पौधे अपनी शक्ति खो देते हैं। नाइट्रोजन (N) पत्तियों का एक समान पीलापन, विशेष रूप से पुरानी पत्तियों का, जिसके साथ विकास रुक जाता है। मैंगनीज़ (Mn) शिराओं के बीच काले धब्बों के साथ पीलापन; नई पत्तियों पर धब्बे दिखाई देते हैं।  आयरन (Fe) नई पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं, लेकिन उनमें हरी शिराएँ बनी रहती हैं, आमतौर पर पौधे के शीर्ष पर। ज़िंक (Zn) छोटी, विकृत पत्तियाँ, जिनमें शिराओं के बीच पीलापन होता है। बोर...

Bank of Maharashtra Recruitment 2025

 Bank of #Maharashtra Recruitment 2025 #CA #CharteredAccountant Eligibility: #Bachelor’s/Integrated #DualDegree (60% marks; 55% for SC/ST/OBC/PwBD) or #CA, plus 3 years’ officer-level experience in scheduled banks. #JAIIB/ #CAIIB desirable. Age: 22–35 years (relaxations as per Govt. norms) Selection: Online exam + Interview (75:25 ratio) Pay Scale: ₹64,820 – ₹93,960 + allowances Posting: PAN India Total Post 500 Online application 13 August to 30 August last

अब किसानों के आधार लिंक खाते में आएगा धान का पैसा

 अब किसानों के आधार लिंक खाते में आएगा धान का पैसा प्रदेश के तीन जिलों कोंडागांव, कोरिया और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में इसी साल से शुरुआत सहकारी बैंक के चक्कर लगाने से मुक्ति, अगले साल से सभी जिलों में लागू होगी योजना कितने किसान होंगे लाभान्वित कोंडागांव 55,577 किसान पंजीकृत कोरिया 22,755 किसान पंजीकृत गौरेला-पेंडा-मरवाही 25,000 किसान पंजीकृत (2024-25 खरीदी के आंकड़े)  फैक्ट फाइल खरीदी अवधि 14 नतंबा 2024 से 31 जनवरी 2025 धान बेचने फैक्ट फाइल धान बेचने वाले किसान 25 लाख 49 हजार 592  कुल खरीदी गई मात्रा 149 लाख मीट्रिक टन कुल भुगतान 31,089 करोड़ रुपए सहकारी बैंक में पैसे निकालने में किसानों को होती थी परेशानी, अब एक साथ निकाल पाएंगे बैंक से पैसे धान बेचने के बाद भुगतान के लिए सहकारी बैंक और समितियों के चक्कर लगाने वाले किसानों की परेशानी अब खत्म होने वाली है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस खरीदी सत्र से धान की राशि सीधे किसानों के आधार लिंक बैंक खातों में ट्रांसफर करने का फैसला किया है। फिलहाल यह व्यवस्था तीन जिलों (कोंडागांव, कोरिया और गौरेला पेंडा-मरवाही) में शुरू होगी। अगले साल से...

Life Insurance Corporation of India (LIC) has announced vacancies

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Golden Career Opportunity in Insurance Sector - hashtag # LIC - AAO🔥🔥 hashtag # salary 1,26,000/- , many allowances hashtag # vacancies - 841 Life Insurance Corporation of India (LIC) has announced vacancies for: 👷 Assistant Engineers (AE - Civil/Electrical) – 81 posts 📊 Assistant Administrative Officers (AAO – Specialist) – 410 posts 📑 AAO (Generalist) – 350 posts ✨ Eligibility (as on 01.08.2025): 🔹 Age: 21–30 yrs (32 yrs for some posts) 🔹 Qualification: B.Tech/BE (Civil/Electrical), CA/CS, Actuarial, Law, Insurance specialization, or Graduate (for Generalist) 📅 Important Dates: 🔹 Start of Online Registration: 16.08.2025 🔹 Last Date to Apply: 08.09.2025 🔹 Prelims Exam (Tentative): 03.10.2025 🔹 Mains Exam: 08.11.2025 💰 Pay & Benefits: Approx. ₹1.26 Lakh/month in ‘A’ class cities + perks (Pension, Gratuity, Medical, Loans & more). 👉Exam Pattern - Prelims + Mains + Interview 👉 A golden gateway to enter India’s largest insurance organization. Don’t miss out! ...

नीम का तेल फसल के कीटों का करे नष्ट

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 नीम का तेल: फसल के कीटों के विरुद्ध प्रकृति का मूक योद्धा ज़्यादातर किसान जानते हैं कि नीम का तेल "पौधों के लिए अच्छा" है, लेकिन बहुत कम लोग इसके वास्तविक आँकड़े जानते हैं। इष्टतम क्षमता: 1500-3000 पीपीएम (एज़ाडिरेक्टिन सामग्री) लक्ष्य: एफिड्स, व्हाइटफ़्लाइज़, मीलीबग्स, थ्रिप्स, कैटरपिलर, माइट्स और स्केल कीट। यह कैसे काम करता है? नीम का तेल तुरंत नहीं मारता। बल्कि, यह कीटों के भोजन और प्रजनन को बाधित करता है। कुछ ही दिनों में, कीट खाना और अंडे देना बंद कर देते हैं, और धीरे-धीरे गायब हो जाते हैं, और ये सब लेडीबग्स और मधुमक्खियों जैसे लाभकारी कीटों को नुकसान पहुँचाए बिना। यह क्यों महत्वपूर्ण है: 100% प्राकृतिक और जैव-निम्नीकरणीय मिट्टी, पानी और परागणकों के लिए सुरक्षित अवशेष-मुक्त, जैविक खेती के लिए उत्तम किसानों के लिए, इसका मतलब कीट नियंत्रण से कहीं अधिक है, यह आपकी फसलों और आपकी ज़मीन को अगली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखने के बारे में है।  प्रो टिप: लगातार परिणाम पाने के लिए हमेशा एज़ाडिरेक्टिन की गारंटीशुदा मात्रा वाला कोल्ड-प्रेस्ड नीम तेल चुनें। क्या आपने अपने खेत में नीम का...

स्टैग बीटल (Stag Beetle) लाखों में बिकता है

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 स्टैग बीटल (Stag Beetle) एक ऐसा कीट है, जो पहली नज़र में आपको किसी छोटे से "डायनासोर" जैसा लगेगा—बड़े-बड़े सींग जैसे जबड़े, मजबूत शरीर और चमकदार खोल। इसकी खास पहचान इसके नर के लंबे, हिरण (stag) जैसे जबड़े हैं, इसी वजह से इसका नाम “स्टैग बीटल” पड़ा। --- दिखावट और आदतें लंबाई: सामान्यत: 2.5 से 7.5 सेंटीमीटर तक, लेकिन कुछ प्रजातियाँ 10 सेंटीमीटर से भी बड़ी हो सकती हैं। रंग: गहरा भूरा से काला, कभी-कभी लाल-भूरे शेड में। जबड़े: नर के बड़े जबड़े लड़ाई और ताकत दिखाने के लिए होते हैं, मादा के जबड़े छोटे लेकिन काटने में तेज़ होते हैं। खान-पान: ये मुख्यतः पेड़ के रस, सड़ते हुए फल और लकड़ी में पाए जाने वाले रसदार हिस्सों पर निर्भर रहते हैं। आवास: पुराने पेड़ों वाले जंगल, पार्क और बगीचे—जहाँ सड़ती लकड़ी और नमी ज्यादा हो। --- जीवन चक्र 1. अंडा: मादा सड़ी-गली लकड़ी में अंडे देती है। 2. लार्वा: लार्वा अवस्था 3–5 साल तक रह सकती है, जिसमें ये लकड़ी खाते-खाते बड़े होते हैं। 3. प्यूपा: इसके बाद ये प्यूपा बनकर मिट्टी या लकड़ी में बंद हो जाते हैं। 4. व्यस्क: वयस्क बनने के बाद इनका जीवन बहुत छोटा ...

बकरी पालन – खर्चा, बीमारी, पालन विधि और सालाना आमदनी

बकरी पालन – खर्चा, बीमारी, पालन विधि और सालाना आमदनी 1. बकरी पालन की शुरुआत मैंने बकरी पालन का काम गाँव में खाली पड़ी ज़मीन और थोड़े से पूँजी के साथ शुरू किया। बकरी पालन गाँव और शहर, दोनों जगह लाभदायक है क्योंकि बकरी का दूध, मांस, और बकरा–बकरी दोनों की मार्केट में अच्छी डिमांड रहती है। --- 2. बकरी पालन के लिए तैयारी नस्ल का चुनाव: मैंने शुरुआत में Barbari, Sirohi, और Jamunapari नस्ल चुनी, क्योंकि इनका दूध और मांस दोनों की क्वालिटी अच्छी होती है। शेड (खलिहान) की व्यवस्था: लकड़ी और बांस से ऊँचा शेड बनाया ताकि बारिश में पानी अंदर न जाए और सफाई आसान रहे। चारा और पानी: हरा चारा (बरसीम, लुशर्न, नेपियर), सूखा चारा (भूसा), और मिनरल मिक्सचर। साफ़ पानी दिन में कम से कम दो बार देना ज़रूरी। --- 3. खर्चा (20 बकरी + 1 बकरा के हिसाब से) खर्च का मद अनुमानित खर्च (₹) बकरी खरीद (20 × ₹5,000) ₹1,00,000 बकरा खरीद (1 × ₹8,000) ₹8,000 शेड निर्माण ₹30,000 चारा (सालाना) ₹25,000 दवा व टीकाकरण ₹5,000 मज़दूरी/अन्य खर्च ₹12,000 कुल खर्च ₹1,80,000 --- 4. बकरी पालन विधि दूध के लिए: बकरियाँ रोज़ाना औसतन 1–2 लीटर दूध...