Sunday, August 27, 2023

Intensive agriculture

Intensive agriculture


  • Intensive agriculture, alternatively referred to as intensive farming (in contrast to extensive farming), conventional agriculture, or industrial agriculture, represents a form of agricultural practice involving increased input and output per unit of land area, encompassing the cultivation of both crops and animals.
introduction
  • Intensive agriculture एक ऐसा प्रक्रिया है जिसमें कृषि के लिए उपयोग किया जाने वाला भूमि, जल, बीज और उत्पादन प्रक्रियाओं का प्रभावी रूप से उपयोग होता है ताकि कम समय में अधिक उत्पादन हो सके।
  • यह एक मॉडर्नीकरण तकनीक है जिसके द्वारा भूमि का उपयोग समृद्धि, अधिक उत्पादन और आर्थिक प्रगति को बढ़ाने के लिए आदर्श बनाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में किसानों को नई तकनीक और तकनीकों का उपयोग करने का अवसर मिलता है जिससे कि उनका उत्पादन बढ़ सके और खाद्यान्न उत्पादन को बढ़वा मिले।
मुख्य बिंदियाँ:

1. High-Yield Crops (उच्च प्रमाण उत्पादन):
  •  Intensive krishi का एक मुख्य लक्ष्य उच्च प्रमाण में उत्पादन प्राप्त करना होता है। इसके लिए उचित बीज, खाद और पोषण सामग्री का उपयोग होता है। Genetically Modified (GM) crops जैसे कि high-yield varieties का उपयोग भी किया जा सकता है जो ज्यादा उत्पादन देते हैं।

2. Modern तकनीक और तकनीकी:
  • Intensive agriculture में modern तकनीक और तकनीकी का उपयोग होता है जैसे कि drip irrigation, greenhouses, aeroponics, hydroponics, organic farming, integrated pest management (IPM) आदि। ये तकनीक और तकनीकी उत्पादन को सुरक्षित और अधिक उत्पादक बनाने में मदद करती हैं।

3. आधुनिक जल संसाधन प्रबंधन:
  • Intensive krishi में जल संसाधन का महत्व होता है। Drip irrigation और sprinkler systems जैसे उपकरण से जल की बचत होती है और समय पर उत्पादन होता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि जल का प्रबंधन सुशासनिक तरीके से किया जाए ताकि उसका अत्यंत आवश्यक उपयोग हो सके।

4. बीजाई और पोषण: 
  • Intensive krishi में उचित बीजाई और पोषण का महत्व होता है। बीजाई का चयन उच्च प्रमाण उत्पादन के अनुकूल हो, और पोषण सामग्री की उचित मात्रा में उपयोग करना आवश्यक है ताकि फसल का विकास सही तरीके से हो सके।

5. Pest और रोग प्रबंधन:
  • Pests और रोगों का प्रबंधन करने के लिए integrated pest management (IPM) का उपयोग होता है। Isme जैविक और रासायनिक उपाय दोनों का उपयोग होता है ताकि फसल सुरक्षित रहे और उत्पादन कम नुकसान से हो।

6. Machines और उपकरण:
  • Intensive krishi में machines और उपकरण का अधिक उपयोग होता है। Tractors, combine harvesters, और दूसरे machines की मदद से किसानों को फसलों की कटाई और उपकरण प्रबंधन में आसानी होती है।

7. उत्प्रेरक प्रशिक्षण:
  • Intensive krishi में किसानों को उत्प्रेरक प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे कि उन्हें नई तकनीकों और तकनीकों का पता चले और वे उसका उपयोग कर सकें। Sarkari और गैर सरकारी संस्थाएं किसानों को इस दिशा में सहायता करती हैं।

8. भूमिकरण और समृद्धि:
  • Intensive agriculture में भूमि का समृद्धि में योगदान होता है। Yeh तकनीक भूमि को अच्छी तरह से उपयोग करने की मदद करती है और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों का भी सामना करने में मदद करती है।
लाभ:

1. अधिक उत्पादन:
  • Is प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इससे अधिक उत्पादन हो सकता है। Isse खाद्यान्न उत्पादन का समर्थन किया जा सकता है जिससे भूख-मुक्त समाज की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।

2. आर्थिक विकास:
  • Intensive agriculture से उत्पादन में वृद्धि होती है जो आर्थिक विकास को बढ़ाती है। अधिक उत्पादन के साथ-साथ, किसानों का आर्थिक स्तर भी सुधर सकता है।

3. बेरोजगारी कम होना:
  • अधिक उत्पादन का मतलब अधिक नौकरी का अवसर। Intensive agriculture के कारण, कृषि से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में बेरोजगारी कम हो सकती है।

4. खाद्यान्न सुरक्षा:
  • उचित प्रबंधन और तकनीकों के उपयोग से खाद्यान्न सुरक्षा और आत्मनिर्भरता बढ़ सकती है।
चुनौतियाँ:

1.पर्यावरणिक परिणाम:
  • Intensive agriculture के द्वारा उपयोग किए जाने वाले रासायनिक खादों और pesticides के अधिक उपयोग से पर्यावरण पर अवश्यक परिणाम पड़ सकते हैं।

2. जल संसाधन की कमी:
  • जल संसाधन की कमी होने की स्थिति में intensive agriculture का प्रभाव और भी गहरा हो सकता है।

3. बीजाई समृद्धि:
  • उचित बीजाई की कमी में फसलों की समृद्धि प्रभावित हो सकती है और उत्पादन कम हो सकता है।
निष्कर्ष:
  • Intensive agriculture एक समर्थन युक्त परिप्रेक्ष्य है जो कृषि उत्पादन को बढ़ाने, खाद्यान्न सुरक्षा को सुधारने और आर्थिक प्रगति प्राप्त करने में मददगार हो सकती है। 
  • लेकिन इसके प्रयोग में पर्यावरणिक सुधार और समृद्धि के साथ-साथ सुरक्षा को भी ध्यान में रखते हुए सामाजिक और आर्थिक पहल करनी आवश्यक है। 
  • यदि सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो intensive agriculture भारतीय कृषि को एक नए आयाम तक पहुँचा सकती है।

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