धान की पैदावार घटा रही पोषक तत्वों की कमी? जानिए कारण और उपाय
धान की फसल में पोषण की कमी: कैसे पहचानें और क्या करें? धान की अच्छी वृद्धि, उच्च उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की संतुलित आपूर्ति अत्यंत आवश्यक है। पोषक तत्वों की कमी या असंतुलन से न केवल पौधों की वृद्धि रुक जाती है, बल्कि रोग और कीट प्रकोप की संभावना भी बढ़ जाती है। अगर समय रहते इनकी पूर्ति न की जाए तो फसल की गुणवत्ता और उपज पर गंभीर असर पड़ता है। इस लेख में हम प्रमुख पोषक तत्वों की कमी के लक्षण, उनके कारण और समाधान विस्तार से बता रहे हैं, ताकि किसान समय पर उचित कदम उठा सकें। 1. सल्फर (Sulfur - S) कमी के लक्षण: जड़ें मोटी, विरल और गहरे भूरे से काली हो जाती हैं। उखाड़ने पर जड़ों का विकास खराब दिखता है। रोग और कीटों का अधिक प्रकोप। समाधान: प्रति हेक्टेयर 15–20 किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करें। इसका प्रभाव अगली दो फसलों तक रहता है। जल भराव से बचें, आंतरिक सिंचाई करें जिसमें सल्फर की मात्रा अधिक हो। सल्फर स्रोत: अमोनियम सल्फेट, सिंगल सुपर फॉस्फेट, पोटाशियम सल्फेट, जिप्सम, एस-लेपित यूरिया। 2. लोहा (Iron - Fe) पौधों में का...